Jain Aagam Acharanga - कर्म-जनक सत्य-संबंधी क्रियाएं - Book 1 Chapter 1 Lesson 1 Sutra 4 Hindi

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Aagam Sutra

Original

अकरिस्सं च हं, कारवेसुं च हं, करओ यावि समणुण्णे भविस्सामि ।

एयावंति सव्वावंति लोगंसि कम्मसमारंभा परिजाणियव्वा भवंति ।

Transliteration

akarissaṃ ca haṃ, kāravesuṃ ca haṃ, karao yāvi samaṇuṇṇe bhavissāmi ।

eyāvaṃti savvāvaṃti logaṃsi kammasamāraṃbhā parijāṇiyavvā bhavaṃti ।

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Meaning

(वह आत्मवादी मनुष्य यह जानता है कि) -

  • मैंने क्रिया की थी।
  • मैं क्रिया कराता हूँ।
  • मैं क्रिया करनेवाले की अनुमोदना करूँगा।

यह सर्व कर्म समारंभ लोक में जानने योग्य हैं।

© CA Manas Madrecha

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