Jain Aagam Acharanga - क्रियाओं के परिणाम और उनके कारण - Book 1 Chapter 3 Lesson 1 Sutra 4 Hindi
Meaning
जो व्यक्ति कर्म के रहस्य को जानते नहीं अथवा क्रिया के स्वरूप से अनजान है, वे उसका त्याग नहीं कर सकते और उसी से वे दिशाओं में या अनुदिशाओं में परिभ्रमण करते हैं। स्वयं द्वारा किए कर्मों के अनुसार सभी प्राणी दिशाओं-अनुदिशाओं में जाते हैं। सभी दिशाओं को जन्म-मरण से पूरा करते हैं। वे अनेक प्रकार की जीव-योनियों को प्राप्त करते हैं और वहाँ अनेक प्रकार के स्पर्शों को, अर्थात सुख-दुख को अनुभव करते हैं।