Jain Aagam Acharanga - कर्म-जनक सत्य-संबंधी क्रियाएं - Book 1 Chapter 3 Lesson 1 Sutra 3 Hindi
Meaning
आत्मवादी मनुष्य यह जानता है कि - मैंने क्रिया की थी, मैं क्रिया कराता हूँ, मैं क्रिया करनेवाले कि अनुमोदना करता हूँ। यह सर्व कर्म समारंभ लोक में जानने योग्य हैं।