Jain Aagam Acharanga - आत्मस्वरूप का अबोध - Book 1 Chapter 3 Lesson 1 Sutra 1 Hindi
Meaning
हे आयुष्यमान, मैंने सुना है कि भगवान महावीर स्वामी ने इस प्रकार कहा है कि — इस संसार में कितने ही प्राणियों को यह ज्ञान नहीं होता हैं कि - मैं पूर्व दिशा से आया हूँ या दक्षिण दिशा से आया हूँ या पश्चिम दिशा से आया हूँ या उत्तर दिशा से आया हूँ या ऊर्ध्व दिशा से आया हूँ या अधो दिशा से आया हूँ या कोई अन्य दिशा से या विदिशा से आया हूँ।
किसी प्राणी को यह ज्ञान भी नहीं होता है कि - मेरी आत्मा औपपातिक-जन्म धारण करनेवाली है या नहीं, मैं कहाँ से च्यवन करके यहाँ पर आया हूँ, और यह आयुष्य पूर्ण करके परलोक में कहा जाऊँगा।