Jain Aagam Acharanga - अणगार के लक्षण - Book 1 Chapter 1 Lesson 3 Sutra 1 Hindi

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Aagam Sutra

Original

से बेमि — से जहा वि अणगारे उज्जुकडे णियागपडिवण्णे अमायं कुव्वमाणे वियाहिए ।

Transliteration

se bemi — se jahā vi aṇagāre ujjukaḍe ṇiyāgapaḍivaṇṇe amāyaṃ kuvvamāṇe viyāhie ।

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Meaning

वह मैं कहता हूँ (अणगार के रूप को)। जो आचरण से अणगार है, सरलता पूर्ण जिसका जीवन है, जो मोक्षमार्ग में गतिशील है, जिसने छल-कपट त्याग दिया है, वह अणगार कहलाता है।

Explanation

प्रस्तुत सूत्र में अणगार के लक्षण बताएं हैं। अपने आप को अणगार कहने मात्र से कोई अणगार नहीं हो जाता है। जिसमें निम्न 3 लक्षण पाएं जाते हैं, वही वास्तविक अणगार कहलाता है :

  1. ऋजु
  2. नियाग-प्रतिपन्न
  3. अमाय

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