Jain Aagam Acharanga - दुखी प्राणी - Book 1 Chapter 1 Lesson 2 Sutra 1 Hindi
Aagam Sutra
Original
अट्टे लोए परिजुण्णे दुस्संबोहे अविजाणए । अस्सिं लोए पव्वहिए तत्थ तत्थ पुढो पास आउरा परितावेंति ।
Transliteration
aṭṭe loe parijuṇṇe dussaṃbohe avijāṇae । assiṃ loe pavvahie tattha tattha puḍho pāsa āurā paritāveṃti ।
Meaning
संसार के जीव पीड़ित हैं। वे आत्मिक गुण से हीन, विवेक रहित हैं। उनकी अज्ञानदशा की वजह उन्हें आत्मबोध होता मुश्किल हैं। वे अज्ञानी जीव लोक में व्यथा-पीड़ा अनुभव करते हैं। काम भोग जैसे ही सुख के लिए आतुर हुए प्राणी अनेक जगहों पर जीवों पर कष्ट, पीड़ा पहुँचाते रहते हैं।